वंदे भारत नई सेवा: भारत की पहली सेमी-हाईस्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस की पहली रात्रिकालीन सेवा शुरू कर दी गई है। यह सेवा बेंगलुरु और चेन्नई के बीच शुरू की गई है. यानी अब रात में ट्रेन में बैठकर सुबह सूरज की पहली किरण निकलने से पहले ही हवा की गति से एक शहर से दूसरे शहर तक पहुंचा जा सकता है. त्योहारी सीजन में यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को ध्यान में रखते हुए ओवरनाइट वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन शुरू किया गया है।
चेन्नई सेंट्रल और यशवंतपुर बेंगलुरु के बीच ओवरनाइट वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन 21 नवंबर 2023 से शुरू हो गया है।
इसमे कितना टाइम लगेगा
चेन्नई और मैसूर के बीच की दूरी लगभग 497 किमी है, जिसे सामान्य ट्रेन से तय करने में लगभग 8.30 घंटे लगते हैं। लेकिन सेमी हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस यह दूरी महज 6.30 घंटे में तय कर लेगी. जबकि वंदे भारत एक्सप्रेस को चेन्नई और बेंगलुरु के बीच लगभग 343 किमी की दूरी तय करने में लगभग 5.30 घंटे लगेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक यह वंदे भारत एक्सप्रेस बेंगलुरु होते हुए चेन्नई और मैसूर के बीच चलेगी. यह ट्रेन सप्ताह में 6 दिन संचालित होगी. यह ट्रेन सिर्फ बुधवार को नहीं चलेगी.
ट्रेन कब खुलेगी
चेन्नई सेंट्रल और बेंगलुरु के बीच चलने वाली यह वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 8 कोच वाली होगी. जो चेन्नई से रात 11 बजे रवाना होगी और अगले दिन सुबह यानी 4.30 बजे बेंगलुरु पहुंचेगी. आपको बता दें, अब तक चलने वाली सभी 34 वंदे भारत एक्सप्रेस दिन के समय ही संचालित की जाती थीं। लेकिन त्योहारी सीजन के दौरान यात्रियों की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए, दक्षिण रेलवे ने रात में ओवरनाइट वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने का फैसला किया है। यह देश की पहली ओवरनाइट वंदे भारत एक्सप्रेस है।
किराया कितना होगा
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के मुताबिक, चेन्नई-मैसूर रूट पर चेन्नई और बेंगलुरु के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस की चेयर कार का किराया 995 रुपये और एक्जीक्यूटिव चेयर कार का किराया 1885 रुपये होगा। इस वंदे भारत एक्सप्रेस की चेयर कार का किराया 1200 रुपये और एक्जीक्यूटिव चेयर कार का किराया 2295 रुपये होगा। इसमें कैटरिंग खर्च भी शामिल है।
यात्रियों की बढ़ती मांग और उनकी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए ओवरनाइट वंदे भारत एक्सप्रेस बनाई गई है। खासकर चेन्नई-मैसूर मार्ग पर कारोबार के सिलसिले में लोगों की काफी आवाजाही रहती है। वंदे भारत एक्सप्रेस के इस बदले हुए पैटर्न को चेन्नई और बेंगलुरु के बीच व्यस्त मार्ग से यात्रा करने वाले यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।