उर्वशी रौतेला, पीयूष मिश्रा, रवि किशन स्टारर ‘जहांगीर नेशनल यूनिवर्सिटी’ का ट्रेलर रिलीज | देखें

उर्वशी रौतेला, पीयूष मिश्रा, रवि किशन स्टारर 'जहांगीर नेशनल यूनिवर्सिटी' का ट्रेलर रिलीज | देखें


छवि स्रोत : इंस्टाग्राम जहांगीर नेशनल यूनिवर्सिटी का ट्रेलर रिलीज हो गया है

उर्वशी रौतेला, पीयूष मिश्रा, रवि किशन, सिद्धार्थ बोडके, विजय राज, रश्मि देसाई, अतुल पांडे और शिवज्योति राजपूत जैसे प्रतिभाशाली कलाकारों से सजी ‘जहांगीर नेशनल यूनिवर्सिटी’ सेंसर बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद 21 जून, 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। टीजर के बाद आखिरकार जहांगीर नेशनल यूनिवर्सिटी (JNU) का ट्रेलर भी रिलीज हो गया है। विवादित कहानी वाली इस फिल्म ने अपने ट्रेलर की वजह से और भी चर्चा बटोरी है। यह टीजर दर्शाता है कि कॉलेज कैंपस में मार्क्सवादी विचारधारा किस तरह हावी है।

ट्रेलर में जहांगीर नेशनल यूनिवर्सिटी के संवादों ने ध्यान खींचा

“ये लेफ्ट यूनिट वालों ने पूरे कैंपस को जात-पात में बांट दिया है।” ट्रेलर में इस तरह के डायलॉग इसे और भी प्रभावी बनाते हैं। “अब हम लोग बोलेंगे भी और लड़ेंगे भी।” इस तरह के डायलॉग से भरे ट्रेलर ने फिल्म की एक झलक दिखा दी है। यूनिवर्सिटी कैंपस की राजनीति कहां से जुड़ी है, ये इस एक लाइन से पता चलता है “यहां से सीधे संसद में….” गोधरा के लोग पीएम बनने का सपना देख रहे हैं और अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं, इस तरह के विवादित डायलॉग फिल्म के ट्रेलर में देखे जा सकते हैं।

क्या एक यूनिवर्सिटी पूरे देश को हिला सकती है? ट्रेलर का सार यही है। यह पहली बार नहीं है, फिल्म जहांगीर नेशनल यूनिवर्सिटी के पोस्टर्स ने भी मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी हैं और अब ट्रेलर भी ध्यान खींच रहा है।

फिल्म के बारे में

निर्माता प्रतिमा दत्ता का मानना ​​है कि फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे जहांगीर नेशनल यूनिवर्सिटी देश के तमाम विवादों पर चर्चा करने का मंच बन गई है और कैसे छात्र राजनीति का भी एक स्याह पक्ष है। हम इसे फिल्म में खुलकर दिखा रहे हैं। महाकाल मूवीज प्राइवेट लिमिटेड की विनय शर्मा निर्देशित जहांगीर नेशनल यूनिवर्सिटी के निर्देशक कहते हैं, “देश के सबसे नाजुक मुद्दों को देश को बांटने के हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की साजिशें चल रही हैं। फिल्म जहांगीर नेशनल यूनिवर्सिटी इस विचार पर चर्चा करती है कि शिक्षा का स्थान विवादों का मंच नहीं बन सकता। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह फिल्म राष्ट्रीय संवाद को जन्म देगी।”

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