भारत 25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ मना रहा है, इस अवसर पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, एस जयशंकर सहित अन्य भाजपा नेताओं ने भारतीय लोकतंत्र के इस “काले अध्याय” पर चिंतन करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया।
भाजपा का राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम
भाजपा ने आपातकाल के 21 महीनों की याद में एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम की योजना की घोषणा की और इसे लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर गंभीर हमला बताया।
कांग्रेस की कड़ी आलोचना
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आपातकाल के दौरान “लोकतंत्र की हत्या” करने के लिए कांग्रेस की निंदा की और उन पर नागरिकों के अधिकारों को निलंबित करने, मीडिया पर सेंसरशिप लगाने और सत्ता को मजबूत करने के लिए संविधान में बदलाव करने का आरोप लगाया।
प्रतिरोध और संघर्ष को श्रद्धांजलि
राजनाथ सिंह और एस जयशंकर ने आपातकाल का विरोध करने वालों के साहस पर प्रकाश डाला तथा सत्तावादी शासन के खिलाफ लोकतंत्र की रक्षा और संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास पर बल दिया।
प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल को भारतीय संविधान पर एक धब्बा बताया और देशवासियों से लोकतंत्र पर किसी भी तरह के खतरे के प्रति सतर्क रहने का आग्रह किया। उन्होंने आपातकाल के खिलाफ लड़ने वालों की प्रशंसा की और संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने की कसम खाई।
भाजपा के स्मरणोत्सव ने लोकतांत्रिक सिद्धांतों के किसी भी क्षरण के खिलाफ दृढ़ रुख को रेखांकित किया तथा भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा के महत्व पर बल दिया।
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