ओडिशा: पांच बार के सीएम नवीन पटनायक विपक्ष के नेता के रूप में नई भूमिका निभाने के लिए तैयार

Odisha News 5-Term CM Naveen Patnaik Set To Take On New Role As Leader Of Opposition BJP BJD Odisha: 5-Term CM Naveen Patnaik Set To Take On New Role As Leader Of Opposition


भुवनेश्वर, 19 जून (पीटीआई) ओडिशा के पांच बार मुख्यमंत्री रहे बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक नई ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता होंगे, क्योंकि उनकी पार्टी भाजपा के हाथों सत्ता खो चुकी है।

पत्रकारों से बात करते हुए पटनायक ने कहा कि यह निर्णय बुधवार को हुई बीजद विधायक दल की बैठक में लिया गया।

उन्होंने कहा, “हमने बीजद के विधायकों की बैठक की। मैंने उन्हें बधाई दी और धन्यवाद दिया। उन्होंने मुझे विपक्ष का नेता और बीजद विधायक दल का नेता चुना है।”

उन्होंने कहा कि बैठक में हाल के चुनावों सहित विभिन्न मामलों पर चर्चा की गई।

बाद में पटनायक ने संवाददाताओं से कहा, “मैं और मेरी पार्टी ओडिशा के लोगों के लिए कड़ी मेहनत करते रहेंगे।” रायराखोल के विधायक प्रसन्ना आचार्य, जो राज्य के पूर्व मंत्री हैं, को विपक्ष का उपनेता बनाया गया है, जबकि पूर्व स्पीकर प्रमिला मलिक, जो बिंझारपुर की विधायक हैं, सदन में विपक्ष की मुख्य सचेतक होंगी।

पटनायक ने पूर्व मंत्री एवं औल के विधायक प्रताप केशरी देब को विधानसभा में विपक्ष का उप मुख्य सचेतक नियुक्त किया।

आचार्य ने कहा, “हम अब ओडिशा के इतिहास में सबसे मजबूत विपक्ष हैं। पिछले 24 सालों से हम ओडिशा के लोगों की सेवा कर रहे हैं। हर महीने, हर साल, हर दिन और हर घंटे हमने ओडिशा के विकास और लोगों की तरक्की पर खर्च किया है। विपक्ष के तौर पर भी हम उस दिशा में काम करेंगे।” मलिक ने कहा कि बीजेडी विधानसभा में किसानों, युवाओं और महिलाओं के हितों के लिए लड़ेगी।

राज्य में 24 वर्षों तक शासन करने वाली बीजद हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा के हाथों सत्ता खो बैठी।

147 सदस्यीय ओडिशा विधानसभा में भाजपा ने 78 सीटें हासिल कर सरकार बनाई, जबकि बीजद को 51 सीटें मिलीं। कांग्रेस को 14 सीटें मिलीं, माकपा को एक और तीन निर्दलीय उम्मीदवारों को भी जीत मिली।

ओडिशा के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे पटनायक पहली बार विपक्ष का नेतृत्व करेंगे। वे 2000 में सीएम बने और 2009 तक भाजपा के साथ गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया। गठबंधन टूटने के बाद, पटनायक ने अकेले दम पर बीजद को 2009, 2014 और 2019 में हुए तीन और विधानसभा चुनावों में जीत दिलाई।

मुख्यमंत्री बनने से पहले वह केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में मंत्री थे।

(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)


भुवनेश्वर, 19 जून (पीटीआई) ओडिशा के पांच बार मुख्यमंत्री रहे बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक नई ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता होंगे, क्योंकि उनकी पार्टी भाजपा के हाथों सत्ता खो चुकी है।

पत्रकारों से बात करते हुए पटनायक ने कहा कि यह निर्णय बुधवार को हुई बीजद विधायक दल की बैठक में लिया गया।

उन्होंने कहा, “हमने बीजद के विधायकों की बैठक की। मैंने उन्हें बधाई दी और धन्यवाद दिया। उन्होंने मुझे विपक्ष का नेता और बीजद विधायक दल का नेता चुना है।”

उन्होंने कहा कि बैठक में हाल के चुनावों सहित विभिन्न मामलों पर चर्चा की गई।

बाद में पटनायक ने संवाददाताओं से कहा, “मैं और मेरी पार्टी ओडिशा के लोगों के लिए कड़ी मेहनत करते रहेंगे।” रायराखोल के विधायक प्रसन्ना आचार्य, जो राज्य के पूर्व मंत्री हैं, को विपक्ष का उपनेता बनाया गया है, जबकि पूर्व स्पीकर प्रमिला मलिक, जो बिंझारपुर की विधायक हैं, सदन में विपक्ष की मुख्य सचेतक होंगी।

पटनायक ने पूर्व मंत्री एवं औल के विधायक प्रताप केशरी देब को विधानसभा में विपक्ष का उप मुख्य सचेतक नियुक्त किया।

आचार्य ने कहा, “हम अब ओडिशा के इतिहास में सबसे मजबूत विपक्ष हैं। पिछले 24 सालों से हम ओडिशा के लोगों की सेवा कर रहे हैं। हर महीने, हर साल, हर दिन और हर घंटे हमने ओडिशा के विकास और लोगों की तरक्की पर खर्च किया है। विपक्ष के तौर पर भी हम उस दिशा में काम करेंगे।” मलिक ने कहा कि बीजेडी विधानसभा में किसानों, युवाओं और महिलाओं के हितों के लिए लड़ेगी।

राज्य में 24 वर्षों तक शासन करने वाली बीजद हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा के हाथों सत्ता खो बैठी।

147 सदस्यीय ओडिशा विधानसभा में भाजपा ने 78 सीटें हासिल कर सरकार बनाई, जबकि बीजद को 51 सीटें मिलीं। कांग्रेस को 14 सीटें मिलीं, माकपा को एक और तीन निर्दलीय उम्मीदवारों को भी जीत मिली।

ओडिशा के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे पटनायक पहली बार विपक्ष का नेतृत्व करेंगे। वे 2000 में सीएम बने और 2009 तक भाजपा के साथ गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया। गठबंधन टूटने के बाद, पटनायक ने अकेले दम पर बीजद को 2009, 2014 और 2019 में हुए तीन और विधानसभा चुनावों में जीत दिलाई।

मुख्यमंत्री बनने से पहले वह केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में मंत्री थे।

(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)

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