ओडिशा चुनाव: बीजेपी विधायक ने EVM तोड़ी, मतदान अधिकारी पर हमला किया. मतदान करीब 61% पहुंचा

Odisha Elections 2024 BJP MLA Breaks EVM Attacks Polling Officer Voter Turnout 61 Percent BJD Lok Sabha Elections 2024 Odisha Election: BJP MLA Breaks EVM, Attacks Polling Officer. Voter Turnout Reaches Nearly 61%


भुवनेश्वर, 25 मई (भाषा) ओडिशा में मतदान के दौरान एक मौजूदा विधायक और भाजपा उम्मीदवार ने एक मतदान केंद्र के अंदर कथित तौर पर ईवीएम तोड़ दी और एक मतदान अधिकारी पर हमला किया। अधिकारियों ने बताया कि छह लोकसभा सीटों और 42 विधानसभा क्षेत्रों में 60.97 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ।

बाराबती-कटक और हिंडोल विधानसभा क्षेत्रों में अलग-अलग बूथों पर मतदान के दौरान दो लोगों – एक महिला मतदान अधिकारी और एक मतदान एजेंट – की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि नयागढ़ विधानसभा सीट पर मतदान केंद्र के अंदर बीमार पड़ी एक बुजुर्ग महिला मतदाता की अस्पताल में मौत हो गई।

भाजपा के खुर्दा विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार और चिल्का के मौजूदा विधायक प्रशांत जगदेव को कथित तौर पर अपने समर्थकों के साथ मतदान केंद्र में घुसने, ईवीएम तोड़ने और एक मतदान अधिकारी पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल करने के आरोप में हिरासत में लिया गया।

अधिकारियों ने बताया कि यह घटना बेगुनिया विधानसभा क्षेत्र में एक मतदान केन्द्र के अंदर हुई झड़प के बाद हुई, जहां वह अपना वोट डालने गए थे।

बीजद से निष्कासित होने के बाद भाजपा में शामिल हुए जगदेव ने बाद में अपनी “अवैध हिरासत” के खिलाफ पुलिस थाने में धरना दिया।

सत्तारूढ़ बीजेडी ने भी मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) एनबी धल के समक्ष भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। धल ने कहा, “हम हिंसा के प्रति शून्य सहिष्णुता रखते हैं। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।”

भाजपा ने बीजद के छेंदीपाड़ा विधायक सुशांत बेहरा की गिरफ्तारी की भी मांग की और उन पर मतदान के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला करने का आरोप लगाया।

अधिकारियों ने बताया कि सीईओ कार्यालय को ब्रह्मगिरी, अथागढ़ और कुछ अन्य स्थानों से अशांति की कई अन्य छोटी घटनाओं की भी रिपोर्ट मिली है।

संबलपुर, क्योंझर, ढेंकनाल, कटक, भुवनेश्वर और पुरी संसदीय क्षेत्रों के साथ-साथ इन लोकसभा सीटों के अंतर्गत आने वाले 42 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ।

छह लोकसभा सीटों के लिए 64 उम्मीदवार मैदान में थे, जबकि 42 विधानसभा क्षेत्रों के लिए प्रत्याशियों की संख्या 383 थी।

जिन प्रमुख उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है उनमें केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और भाजपा की भुवनेश्वर से सांसद अपराजिता सारंगी तथा पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा शामिल हैं।

ओडिशा के चार मंत्री – आरपी स्वैन, प्रफुल्ल मलिक, बसंती हेम्ब्रम और अशोक पांडा भी चुनावी मैदान में हैं।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक वोट डालने के लिए अपने आवास के पास एरोड्रम अपर प्राइमरी स्कूल तक पैदल गए। उन्होंने पत्रकारों से कहा, “हम राज्य में स्थिर सरकार बनाएंगे।”

अधिकारियों ने बताया कि 94.48 लाख से अधिक मतदाताओं में से लगभग 60.97 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा बढ़ सकता है।

भुवनेश्वर में ऑक्सीजन सपोर्ट पर एक महिला ने मतदान केंद्र पर अपना वोट डालकर अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की, जबकि पुरी में एक 97 वर्षीय व्यक्ति ने मतदाता सूची में अपना नाम न पाकर मतदान केंद्र के अंदर लेटकर विरोध जताया।

मतदान केंद्रों पर मोबाइल फोन ले जाने पर चुनाव आयोग के प्रतिबंध से बड़ी संख्या में लोगों ने निराशा व्यक्त की। कुछ लोग तो फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध के कारण वोट डाले बिना ही घर लौट गए।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ढल ने एक बयान में कहा, “चूंकि मतदान केंद्र के अंदर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं है, इसलिए लोग मतदान केंद्र के बाहर एक निर्दिष्ट स्थान पर इसे जमा कर सकते हैं और मतदान के बाद इसे वापस ले सकते हैं।” विभिन्न मतदान केंद्रों पर केंद्रीय बलों की 121 कंपनियों सहित 35,000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।

मुख्य सचिव पीके जेना, डीजीपी अरुण कुमार सारंगी और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा सहित कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी भुवनेश्वर के विभिन्न मतदान केंद्रों पर वोट डाला।

(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)


भुवनेश्वर, 25 मई (भाषा) ओडिशा में मतदान के दौरान एक मौजूदा विधायक और भाजपा उम्मीदवार ने एक मतदान केंद्र के अंदर कथित तौर पर ईवीएम तोड़ दी और एक मतदान अधिकारी पर हमला किया। अधिकारियों ने बताया कि छह लोकसभा सीटों और 42 विधानसभा क्षेत्रों में 60.97 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ।

बाराबती-कटक और हिंडोल विधानसभा क्षेत्रों में अलग-अलग बूथों पर मतदान के दौरान दो लोगों – एक महिला मतदान अधिकारी और एक मतदान एजेंट – की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि नयागढ़ विधानसभा सीट पर मतदान केंद्र के अंदर बीमार पड़ी एक बुजुर्ग महिला मतदाता की अस्पताल में मौत हो गई।

भाजपा के खुर्दा विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार और चिल्का के मौजूदा विधायक प्रशांत जगदेव को कथित तौर पर अपने समर्थकों के साथ मतदान केंद्र में घुसने, ईवीएम तोड़ने और एक मतदान अधिकारी पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल करने के आरोप में हिरासत में लिया गया।

अधिकारियों ने बताया कि यह घटना बेगुनिया विधानसभा क्षेत्र में एक मतदान केन्द्र के अंदर हुई झड़प के बाद हुई, जहां वह अपना वोट डालने गए थे।

बीजद से निष्कासित होने के बाद भाजपा में शामिल हुए जगदेव ने बाद में अपनी “अवैध हिरासत” के खिलाफ पुलिस थाने में धरना दिया।

सत्तारूढ़ बीजेडी ने भी मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) एनबी धल के समक्ष भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। धल ने कहा, “हम हिंसा के प्रति शून्य सहिष्णुता रखते हैं। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।”

भाजपा ने बीजद के छेंदीपाड़ा विधायक सुशांत बेहरा की गिरफ्तारी की भी मांग की और उन पर मतदान के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला करने का आरोप लगाया।

अधिकारियों ने बताया कि सीईओ कार्यालय को ब्रह्मगिरी, अथागढ़ और कुछ अन्य स्थानों से अशांति की कई अन्य छोटी घटनाओं की भी रिपोर्ट मिली है।

संबलपुर, क्योंझर, ढेंकनाल, कटक, भुवनेश्वर और पुरी संसदीय क्षेत्रों के साथ-साथ इन लोकसभा सीटों के अंतर्गत आने वाले 42 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ।

छह लोकसभा सीटों के लिए 64 उम्मीदवार मैदान में थे, जबकि 42 विधानसभा क्षेत्रों के लिए प्रत्याशियों की संख्या 383 थी।

जिन प्रमुख उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है उनमें केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और भाजपा की भुवनेश्वर से सांसद अपराजिता सारंगी तथा पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा शामिल हैं।

ओडिशा के चार मंत्री – आरपी स्वैन, प्रफुल्ल मलिक, बसंती हेम्ब्रम और अशोक पांडा भी चुनावी मैदान में हैं।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक वोट डालने के लिए अपने आवास के पास एरोड्रम अपर प्राइमरी स्कूल तक पैदल गए। उन्होंने पत्रकारों से कहा, “हम राज्य में स्थिर सरकार बनाएंगे।”

अधिकारियों ने बताया कि 94.48 लाख से अधिक मतदाताओं में से लगभग 60.97 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा बढ़ सकता है।

भुवनेश्वर में ऑक्सीजन सपोर्ट पर एक महिला ने मतदान केंद्र पर अपना वोट डालकर अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की, जबकि पुरी में एक 97 वर्षीय व्यक्ति ने मतदाता सूची में अपना नाम न पाकर मतदान केंद्र के अंदर लेटकर विरोध जताया।

मतदान केंद्रों पर मोबाइल फोन ले जाने पर चुनाव आयोग के प्रतिबंध से बड़ी संख्या में लोगों ने निराशा व्यक्त की। कुछ लोग तो फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध के कारण वोट डाले बिना ही घर लौट गए।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ढल ने एक बयान में कहा, “चूंकि मतदान केंद्र के अंदर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं है, इसलिए लोग मतदान केंद्र के बाहर एक निर्दिष्ट स्थान पर इसे जमा कर सकते हैं और मतदान के बाद इसे वापस ले सकते हैं।” विभिन्न मतदान केंद्रों पर केंद्रीय बलों की 121 कंपनियों सहित 35,000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।

मुख्य सचिव पीके जेना, डीजीपी अरुण कुमार सारंगी और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा सहित कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी भुवनेश्वर के विभिन्न मतदान केंद्रों पर वोट डाला।

(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)

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