नरेंद्र मोदी सरकार के गठन को लेकर चर्चाएं चल रही हैं, जो रविवार को शाम 7.15 बजे राष्ट्रपति भवन में शपथ लेगी। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की और उन्हें विभागों के बंटवारे को लेकर एनडीए के सभी सहयोगियों और भाजपा के राज्य नेताओं से हुई बातचीत की जानकारी दी। मोदी 9 जून को अपने मंत्रिपरिषद के साथ तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। विपक्ष के वे सभी लोग जो यह भविष्यवाणी कर रहे थे कि 4 जून के नतीजों के बाद मोदी प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे, अब निराश और हताश हैं।
जिन लोगों ने भविष्यवाणी की थी कि मोदी को ऐसे गठबंधन का नेतृत्व करना होगा जिसमें बहुत से सहयोगी होंगे, वे अब चुप हैं। जिन लोगों ने भविष्यवाणी की थी कि एनडीए नायडू आश्रित गठबंधन या नीतीश आश्रित गठबंधन बन जाएगा, उन्हें अब चंद्रबाबू नायडू से ही जवाब मिल गया है। मोदी ने एनडीए सांसदों से कहा कि जो सरकार बनने जा रही है, वह हाल के इतिहास की सबसे मजबूत गठबंधन सरकार होगी। ध्यान देने वाली बात यह है कि 2004 में जब कांग्रेस ने यूपीए सरकार बनाई थी, तब उसके पास 145 सांसद थे और 2009 में जब उसने यूपीए की दूसरी सरकार बनाई थी, तब कांग्रेस के पास 206 सांसद थे। रविवार को बनने जा रही एनडीए गठबंधन सरकार में सबसे बड़ी पार्टी भाजपा होगी जिसके पास 240 सांसद होंगे। अपने भाषण में मोदी ने स्पष्ट किया कि वे बिचौलियों या अटकलों के दबाव में नहीं आएंगे और न ही उनकी सरकार के कामकाज की शैली में कोई बदलाव होगा।
मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद अब कई मुद्दे खत्म हो जाएंगे। राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं ने चुनाव प्रचार के दौरान इन मुद्दों को उठाया था। पहला, भारतीय लोकतंत्र को न कभी कोई खतरा था, न अब है और न ही निकट भविष्य में कोई खतरा होगा। दूसरा, ईवीएम के साथ न कभी छेड़छाड़ की गई, न ही छेड़छाड़ की जा सकती है। तीसरा, चुनाव आयोग न तो किसी पार्टी को जिता सकता है और न ही किसी पार्टी को हरा सकता है। वह सिर्फ चुनाव करा सकता है। चौथा, 10 साल के अंतराल के बाद लोकसभा में विपक्ष का नेता होगा क्योंकि कांग्रेस के पास उस दर्जे का दावा करने के लिए आवश्यक सीटों से अधिक है। इन मुद्दों का संदेश अब पूरी दुनिया में गया है, जिसने भारतीय लोकतंत्र की मजबूती और लचीलेपन को देखा है। इसके लिए हमें भारत के मतदाताओं का आभारी होना चाहिए। अगर भाजपा इस बार 300 सीटें पार कर जाती, तो सारे संदेह और सवाल खत्म हो जाते। ऐसे सारे संदेह अब हमेशा के लिए दफन हो गए हैं। यह भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी जीत है।
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