प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संसद भवन स्थित अपने कार्यालय में दो विशेष अतिथियों का स्वागत किया। अतिथि के रूप में दो छोटी लड़कियां हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की पोती थीं। एक जैसे बैंगनी रंग के कपड़े पहने लड़कियों ने देशभक्ति गीत गाकर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। बच्चों के प्रति अपने स्नेह के लिए जाने जाने वाले प्रधानमंत्री ने लड़कियों को गर्मजोशी से गले लगाया और उनके गाने पर मुस्कुराए।
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#घड़ी | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज संसद स्थित अपने कार्यालय में दो विशेष आगंतुकों का स्वागत किया। pic.twitter.com/mMgRBKlakB
— एएनआई (@ANI) 26 जून, 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की प्रशंसा की
इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री मोदी ने 1975 में इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल की निंदा करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की प्रशंसा की। पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “मुझे खुशी है कि माननीय अध्यक्ष ने आपातकाल की कड़ी निंदा की और उस दौरान की गई ज्यादतियों को उजागर किया और यह भी उल्लेख किया कि किस तरह लोकतंत्र का गला घोंटा गया था।”
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पेश प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित किए जाने के बाद ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष के रूप में चुना गया। अपने चुनाव के बाद बिरला ने कहा, “यह सदन 1975 में आपातकाल लगाने के फैसले की कड़ी निंदा करता है। हम उन सभी लोगों के दृढ़ संकल्प की सराहना करते हैं जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया, संघर्ष किया और भारत के लोकतंत्र की रक्षा की जिम्मेदारी पूरी की।”
इस बयान पर सदन में विपक्षी सदस्यों ने विरोध जताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि युवाओं को आपातकाल के बारे में शिक्षित करना महत्वपूर्ण है, उन्होंने इसे संविधान की अवहेलना, जनमत को दबाने और संस्थाओं को कमज़ोर करने के परिणामों की एक महत्वपूर्ण याद दिलाने वाला बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि आपातकाल की अवधि की घटनाओं ने तानाशाही की प्रकृति को दर्शाया है।
बिरला ने 25 जून 1975 को भारतीय इतिहास का “काला अध्याय” बताया और आपातकाल लगाने तथा “बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान पर हमला करने” के लिए इंदिरा गांधी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान, विश्व स्तर पर लोकतंत्र की जननी के रूप में जाने जाने वाले भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचल दिया गया तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंट दिया गया।