‘जब… तब और भी कुछ कहने को होगा’: ट्रूडो ने अगले साल जी7 में मोदी को आमंत्रित करने पर क्या कहा

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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि अगले वर्ष जब कनाडा इसकी अध्यक्षता संभालेगा, तब उनके पास जी-7 शिखर सम्मेलन के संबंध में कहने के लिए बहुत कुछ होगा।

ट्रूडो ने कहा कि वह इतालवी प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी और सभी जी7 भागीदारों के साथ विभिन्न मुद्दों पर काम करने के लिए उत्सुक हैं, जिन पर उन्होंने चर्चा की है। अगला जी7 नेताओं का शिखर सम्मेलन अगले साल कनाडा के अल्बर्टा प्रांत के कनानास्किस में आयोजित होने वाला है।

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इस सवाल पर कि क्या वह अगले साल कनाडा में होने वाले शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित करेंगे, ट्रूडो ने कहा, “मैं इस बात की सराहना कर सकता हूं कि कनाडा के लोग अगले साल के जी-7 का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, इस साल के बाकी समय के लिए इटली इस जी-7 का अध्यक्ष बना रहेगा और मैं प्रधानमंत्री मेलोनी और अपने सभी जी-7 साझेदारों के साथ उन व्यापक मुद्दों पर काम करने के लिए उत्सुक हूं, जिन पर हमने चर्चा की है।”

एएनआई के अनुसार ट्रूडो ने कहा, “जब हम अगले साल जी7 की अध्यक्षता संभालेंगे, तब मेरे पास अगले साल के जी7 के बारे में कहने के लिए और भी बहुत कुछ होगा।”

जी-7 शिखर सम्मेलन गुरुवार (13 जून) से इटली के अपुलिया क्षेत्र में आयोजित हुआ और रविवार (15 जून) को संपन्न हुआ।

ट्रूडो का यह बयान शुक्रवार को इटली के अपुलिया में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद आया है। ट्रूडो ने कहा है कि मोदी से मुलाकात के बाद कुछ “बहुत महत्वपूर्ण मुद्दों” से निपटने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई गई।

दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण राजनयिक संबंधों के बीच दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात थी। प्रधानमंत्री मोदी ने 14 जून को सोशल मीडिया पर दोनों नेताओं के हाथ मिलाते हुए एक तस्वीर भी पोस्ट की थी, जिसमें एक लाइन में लिखा था, “जी7 शिखर सम्मेलन में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात हुई।”

भारत ने सात सदस्य देशों – अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, इटली, जापान और फ्रांस तथा यूरोपीय संघ के साथ एक ‘आउटरीच देश’ के रूप में शिखर सम्मेलन में भाग लिया।

भारत और कनाडा के बीच संबंधों में तब तनाव आ गया था जब ट्रूडो ने पिछले साल कनाडा में आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए “भारत सरकार के एजेंटों” पर आरोप लगाया था। हालांकि, नई दिल्ली ने इन आरोपों को “बेतुका” और “प्रेरित” बताते हुए खारिज कर दिया है।



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