नीट पेपर लीक मामले की जांच में ताजा घटनाक्रम में पुलिस की जांच अब झारखंड के हजारीबाग जिले तक पहुंच गई है। मामले की जांच के लिए ईओडब्ल्यू की टीम हजारीबाग के ओएसिस स्कूल पहुंची, जहां चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। ईओडब्ल्यू की टीम को स्कूल में प्रश्नपत्र के शील्ड पैकेट के निचले हिस्से में छेड़छाड़ मिली है।
क्या सबूत मिले?
ईओयू की टीम ने अपनी जांच में पाया है कि प्रश्नपत्र के पैकेट के निचले हिस्से के साथ बहुत ही सावधानी से छेड़छाड़ की गई थी और फिर उसे चिपकाया गया था। इस मामले में स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक ने कहा कि उस समय यह बात उनके संज्ञान में नहीं आई थी। पैकेट को परीक्षा से 15 मिनट पहले खोला गया था और लिफाफे की 7 परतों के अंदर जाकर ऐसा कोई प्रोफेशनल ही कर सकता है।
परिवहन में खामियां पाई गईं?
ईओयू की टीम के साथ बैंक और कूरियर कंपनी में गए स्कूल प्रिंसिपल एहसान ने भी कहा कि ईओयू ने कूरियर कंपनी द्वारा बैंक तक प्रश्नपत्र पहुंचाने का जो तरीका अपनाया और जिस तरह से इसे पहुंचाया गया, उसमें भी बड़ी खामियां थीं। ईओयू को एसबीआई बैंक में भी जांच के दौरान कई खामियां मिली हैं।
डिजिटल लॉक भी काम नहीं कर रहा
ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल ने एक और खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र निकालने के लिए जिस बॉक्स को खोलना था, उसका डिजिटल लॉक उस दिन काम नहीं कर रहा था। दरअसल, उसमें दो लॉक लगे हैं। 1.15 मिनट पर बीप की आवाज आते ही बॉक्स खुल जाता है। लेकिन, उस दिन ऐसी कोई आवाज नहीं आई। ऑब्जर्वर ने एनटीए को इसकी जानकारी दी। एनटीए ने कहा कि ऐसा लगता है कि तकनीकी दिक्कत के कारण आवाज नहीं आई। फिर उन्हें कटर से इसे काटने को कहा गया। फिर उसमें लगे डिजिटल लॉक को कटर से काटा गया।
सीबीआई ने शुरू की जांच
शिक्षा मंत्रालय की शिकायत पर सीबीआई ने नीट परीक्षा पेपर लीक मामले में आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (विश्वासघात) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की है। सीबीआई ने यह नया मामला दर्ज किया है। सीबीआई बिहार पुलिस से अपने मामले की जांच रिपोर्ट भी मांगेगी। ताकि अब तक की उनकी जांच के आधार पर पूरे मामले को समझा जा सके। सीबीआई की एक टीम पटना और एक टीम गुजरात के गोदरा पहुंच चुकी है और जल्द ही मामले के आईओ जांच अधिकारी से मुलाकात कर मामले की जानकारी लेगी।