केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल से पूछताछ की और आबकारी नीति मामले में उनका बयान दर्ज किया। केंद्रीय एजेंसी को बुधवार, 26 जून को केजरीवाल को संबंधित ट्रायल कोर्ट में पेश करने की अनुमति दी गई है। सूत्रों के अनुसार, सीबीआई ने अभी तक दिल्ली के सीएम को गिरफ्तार नहीं किया है।
सीबीआई ने स्पष्ट किया है कि अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार नहीं किया गया है। यह बयान दिल्ली आबकारी नीति की जांच के बीच केंद्रीय एजेंसी द्वारा उनकी गिरफ्तारी को लेकर चल रही अटकलों के बीच आया है।
यह घटनाक्रम दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें जमानत देने के ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के फैसले के बाद हुआ है। आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक केजरीवाल मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद मार्च से तिहाड़ जेल में हैं।
आप का आरोप, ‘केंद्र दिल्ली के सीएम केजरीवाल के खिलाफ फर्जी सीबीआई केस दर्ज करने की साजिश कर रहा है’
आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने केंद्र पर केजरीवाल के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है। सिंह ने कहा, “ऐसे समय में जब अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने की शत-प्रतिशत संभावना है, सूत्रों ने मुझे बताया है कि केंद्र सीबीआई अधिकारियों के साथ मिलकर दिल्ली के सीएम के खिलाफ फर्जी सीबीआई केस दर्ज करने और उन्हें सीबीआई द्वारा गिरफ्तार करवाने की साजिश कर रहा है। पूरा देश केंद्र के अत्याचारों और अन्याय को देख सकता है और अरविंद केजरीवाल के साथ एकजुटता से खड़ा है।”
केंद्र की भाजपा सरकार ने सीबीआई के साथ मिलकर रची बड़ी साजिश! pic.twitter.com/C6OLNLA6bQ
— संजय सिंह आप (@SanjayAzadSln) 25 जून, 2024
संजय सिंह ने कहा, “जब अरविंद केजरीवाल को जेल में रखने, उनकी राजनीति खत्म करने और उनकी पार्टी को बर्बाद करने के लिए उनके खिलाफ फर्जी मामले लगाए जा रहे हैं, तो न्याय कैसे मिल सकता है? आइए हम इसके खिलाफ आवाज उठाएं।”
दिल्ली उच्च न्यायालय ने ईडी के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल की जमानत पर रोक लगाई
दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा केजरीवाल की जमानत पर रोक लगाने का निर्णय इस दावे पर आधारित था कि निचली अदालत ने ईडी द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों का उचित मूल्यांकन नहीं किया। न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन ने जमानत आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने ईडी द्वारा प्रस्तुत तर्कों और दस्तावेजों पर विचार नहीं किया। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि निचली अदालत को सभी पक्षों को अपना पक्ष रखने का पर्याप्त अवसर देना चाहिए।
पीटीआई के अनुसार न्यायमूर्ति जैन ने टिप्पणी की, “ट्रायल जज ने न केवल धन शोधन निरोधक एजेंसी द्वारा लिखित दलीलों सहित दी गई दलीलों पर चर्चा और विचार नहीं किया, बल्कि जमानत देते समय धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 45 के तहत दोहरी शर्त की आवश्यकता के संबंध में भी चर्चा नहीं की और अपने विचार दर्ज नहीं किए।”
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20 जून को विशेष न्यायाधीश नियाय बिंदु ने केजरीवाल को जमानत दे दी थी, क्योंकि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े प्रत्यक्ष सबूत पेश करने में विफल रहा था। हालांकि, ईडी ने तुरंत इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी, जिसके कारण जमानत आदेश पर रोक लग गई। उच्च न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई के लिए सूचीबद्ध की है।
केजरीवाल ने अपनी जमानत पर हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई अंतरिम रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 26 जून के लिए तय की है।
विवाद के केंद्र में रही आबकारी नीति को अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद 2022 में रद्द कर दिया गया था। सीबीआई और ईडी का दावा है कि नीति में बदलाव कुछ खास लाइसेंस धारकों को फायदा पहुंचाने के लिए किए गए थे, जिससे कुछ लोगों को वित्तीय लाभ हुआ।