तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने शुक्रवार को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन में राहुल गांधी की भूमिका की सराहना की और उन्हें संसद में विपक्ष का नेता बनाए जाने की मांग की।
थरूर ने कहा, “उन्होंने और कांग्रेस अध्यक्ष (मल्लिकार्जुन) खड़गे ने पूरे देश में व्यापक प्रचार किया, लेकिन श्री खड़गे राज्यसभा में हैं, जहां वे विपक्ष का नेतृत्व करते हैं और यह उचित होगा कि राहुल गांधी भी लोकसभा में यही काम करें। मैंने निश्चित रूप से इस संबंध में सार्वजनिक और निजी तौर पर अपने विचार व्यक्त किए हैं।”
राहुल गांधी लोकसभा चुनाव के ‘मैन ऑफ द मैच’ हैं: थरूर
राहुल गांधी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अब हमारे पास सरकार के सामने खड़े होने के लिए पर्याप्त संख्या है और यह (विपक्ष का नेता) ऐसा नेता होना चाहिए जो निस्संदेह पार्टी में सबसे लोकप्रिय हो।’’ पीटीआई के साथ साक्षात्कार के दौरान थरूर ने गांधी परिवार के वंशज को लोकसभा चुनावों का ‘‘मैन ऑफ द मैच’’ बताया और कहा कि यह उचित होगा कि वह 18वीं लोकसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका निभाएं।
डीके शिवकुमार ने क्या कहा?
दूसरी ओर, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने भी विपक्ष के नेता के रूप में राहुल गांधी की वकालत की। उपमुख्यमंत्री ने कहा, “हम चाहते हैं कि राहुल गांधी संसद में विपक्ष के नेता बनें।” उनकी यह टिप्पणी बेंगलुरु में कांग्रेस भवन में राहुल गांधी द्वारा आयोजित एक बैठक के बाद आई। बैठक में सीएम सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के साथ लोकसभा चुनाव में भाग लेने वाले सभी उम्मीदवार शामिल हुए।
संसद में 10 साल से कोई विपक्ष का नेता नहीं
गौरतलब है कि कांग्रेस की नजर विपक्ष के नेता के पद पर है जो पिछले 10 सालों से खाली पड़ा है। विपक्ष के नेता वेतन और भत्ता अधिनियम, 1977 के तहत आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त एलओपी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी का नेता होता है जिसके पास सदन में कम से कम 10 प्रतिशत सीटें होती हैं।
16वीं और 17वीं लोकसभा में किसी भी विपक्षी दल ने इस मानदंड को पूरा नहीं किया था, इसलिए कोई विपक्ष का नेता नहीं था। लेकिन अब कांग्रेस पार्टी के पास 10 प्रतिशत से अधिक सीटें हैं और इसलिए वह अपने नेता को विपक्ष का नेता बनाने की स्थिति में है।
(एजेंसियों से इनपुट सहित)
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