बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को दिल्ली पहुंचे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की। बिहार के मुख्यमंत्री का आज दिन में गृह मंत्री अमित शाह से भी मिलने का कार्यक्रम है।
दूसरी ओर, सूत्रों ने बताया कि वित्त आयोग का एक प्रतिनिधिमंडल 10 जून को पटना आ सकता है, जिस दौरान बिहार सरकार की राज्य के लिए विशेष दर्जा और विशेष पैकेज की मांग पर चर्चा हो सकती है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा बिहार के लिए केंद्रीय कोष में हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग पर भी चर्चा हो सकती है।
बिहार में कुछ बड़ा होने वाला है: तेजस्वी
30 मई को राजद नेता तेजस्वी यादव ने यह दावा करके अटकलों को हवा दे दी थी कि लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बिहार में कुछ बड़ा घटित होगा, जहां नीतीश कुमार और उनकी सहयोगी भाजपा के बीच रिश्ते ठीक नहीं चल रहे हैं।
इस वर्ष जनवरी में नीतीश कुमार के अचानक एनडीए में वापस आ जाने के कारण उपमुख्यमंत्री का पद गंवाने वाले यादव ने पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह दावा किया।
यादव ने कुछ दिन पहले किए गए अपने दावे का हवाला देते हुए कहा, “जब से मैंने भविष्यवाणी की है कि चाचा लोकसभा चुनाव के बाद कोई बड़ा फैसला लेंगे, तब से वह प्रचार करने नहीं जा रहे हैं।”
राजद नेता ने आरोप लगाया, “मुझे यह भी पता चला है कि राज्यपाल ही अधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे हैं और निर्देश जारी कर रहे हैं। चुनाव के मोर्चे पर भाजपा और जद (यू) अपनी-अपनी सीटों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिनमें कोई तालमेल नहीं है।”
यादव ने कहा, “ये सारी बातें मेरी इस आशंका की पुष्टि करती हैं कि 4 जून के बाद बिहार में कुछ बड़ा होने वाला है।”
दिलचस्प बात यह है कि जब से कुमार ने राजद नीत ‘महागठबंधन’ छोड़ा है, तब से राजद नेता जदयू अध्यक्ष पर सीधा हमला करने से बचते रहे हैं।
खराब स्वास्थ्य के कारण कुमार ने वाराणसी जाने से मना कर दिया था, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना नामांकन पत्र दाखिल करने वाले थे। राजद नेता ने दावा किया कि जदयू प्रमुख चाहते थे कि भाजपा हार जाए और “उनका आशीर्वाद मेरे साथ है” भले ही गठबंधन खत्म हो गया हो।
(पीटीआई इनपुट्स के साथ)
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