अयोध्या: राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार को मंदिर के मुख्य पुजारी के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने गर्भगृह से पानी की निकासी के लिए हो रहे वर्षा जल के रिसाव के बारे में कहा था।
मिश्रा ने कहा, “वहां कोई पानी का रिसाव नहीं था, लेकिन बिजली के तार लगाने के लिए लगाए गए पाइपों से बारिश का पानी नीचे आ गया।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने स्वयं मंदिर की इमारत का निरीक्षण किया है। दूसरी मंजिल का निर्माण कार्य चल रहा है।’’
मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, “जब दूसरी मंजिल की छत का निर्माण हो जाएगा, तब बारिश का पानी मंदिर में प्रवेश करना बंद हो जाएगा।”
मंदिर निर्माण में लापरवाही का आरोप लगाते हुए राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने सोमवार को कहा था कि शनिवार आधी रात को हुई बारिश के बाद मंदिर परिसर से बारिश के पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है और उन्होंने मंदिर प्रशासन से आवश्यक सुधारात्मक उपाय करने का आग्रह किया था।
दास ने मंदिर प्राधिकारियों से घटना का संज्ञान लेने तथा रिसाव को रोकने तथा मंदिर से पानी का निकास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने को कहा था।
उन्होंने दावा किया था कि शनिवार आधी रात को हुई पहली भारी बारिश में मंदिर के गर्भगृह की छत से भारी रिसाव हुआ था।
उन्होंने कहा था कि जिस स्थान पर पुजारी रामलला की मूर्ति के सामने बैठते हैं और जहां लोग वीआईपी दर्शन के लिए आते हैं, उसके ठीक ऊपर की छत से बारिश का पानी लीक हो रहा था।
उन्होंने कहा, “यह बहुत आश्चर्य की बात है कि देशभर के इंजीनियर राम मंदिर का निर्माण कर रहे हैं। 22 जनवरी को मंदिर का उद्घाटन हुआ। लेकिन, किसी को नहीं पता था कि अगर बारिश हुई तो छत टपकेगी।”
उन्होंने कहा, “यह आश्चर्य की बात है कि विश्व प्रसिद्ध मंदिर की छत से पानी टपक रहा है। ऐसा क्यों हुआ?”
उन्होंने कहा कि इतने बड़े इंजीनियरों की मौजूदगी में ऐसी घटना हो रही है, जो बहुत गलत है।
मिश्रा ने बताया कि छत पर अस्थायी निर्माण कर श्रद्धालुओं को पानी और धूप से बचाने के उपाय किए गए हैं।
मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में मिश्रा ने कहा कि पहली मंजिल का काम चल रहा है और इस साल जुलाई तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि मंदिर का निर्माण दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)
अयोध्या: राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार को मंदिर के मुख्य पुजारी के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने गर्भगृह से पानी की निकासी के लिए हो रहे वर्षा जल के रिसाव के बारे में कहा था।
मिश्रा ने कहा, “वहां कोई पानी का रिसाव नहीं था, लेकिन बिजली के तार लगाने के लिए लगाए गए पाइपों से बारिश का पानी नीचे आ गया।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने स्वयं मंदिर की इमारत का निरीक्षण किया है। दूसरी मंजिल का निर्माण कार्य चल रहा है।’’
मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, “जब दूसरी मंजिल की छत का निर्माण हो जाएगा, तब बारिश का पानी मंदिर में प्रवेश करना बंद हो जाएगा।”
मंदिर निर्माण में लापरवाही का आरोप लगाते हुए राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने सोमवार को कहा था कि शनिवार आधी रात को हुई बारिश के बाद मंदिर परिसर से बारिश के पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है और उन्होंने मंदिर प्रशासन से आवश्यक सुधारात्मक उपाय करने का आग्रह किया था।
दास ने मंदिर प्राधिकारियों से घटना का संज्ञान लेने तथा रिसाव को रोकने तथा मंदिर से पानी का निकास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने को कहा था।
उन्होंने दावा किया था कि शनिवार आधी रात को हुई पहली भारी बारिश में मंदिर के गर्भगृह की छत से भारी रिसाव हुआ था।
उन्होंने कहा था कि जिस स्थान पर पुजारी रामलला की मूर्ति के सामने बैठते हैं और जहां लोग वीआईपी दर्शन के लिए आते हैं, उसके ठीक ऊपर की छत से बारिश का पानी लीक हो रहा था।
उन्होंने कहा, “यह बहुत आश्चर्य की बात है कि देशभर के इंजीनियर राम मंदिर का निर्माण कर रहे हैं। 22 जनवरी को मंदिर का उद्घाटन हुआ। लेकिन, किसी को नहीं पता था कि अगर बारिश हुई तो छत टपकेगी।”
उन्होंने कहा, “यह आश्चर्य की बात है कि विश्व प्रसिद्ध मंदिर की छत से पानी टपक रहा है। ऐसा क्यों हुआ?”
उन्होंने कहा कि इतने बड़े इंजीनियरों की मौजूदगी में ऐसी घटना हो रही है, जो बहुत गलत है।
मिश्रा ने बताया कि छत पर अस्थायी निर्माण कर श्रद्धालुओं को पानी और धूप से बचाने के उपाय किए गए हैं।
मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में मिश्रा ने कहा कि पहली मंजिल का काम चल रहा है और इस साल जुलाई तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि मंदिर का निर्माण दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)
अयोध्या: राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार को मंदिर के मुख्य पुजारी के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने गर्भगृह से पानी की निकासी के लिए हो रहे वर्षा जल के रिसाव के बारे में कहा था।
मिश्रा ने कहा, “वहां कोई पानी का रिसाव नहीं था, लेकिन बिजली के तार लगाने के लिए लगाए गए पाइपों से बारिश का पानी नीचे आ गया।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने स्वयं मंदिर की इमारत का निरीक्षण किया है। दूसरी मंजिल का निर्माण कार्य चल रहा है।’’
मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, “जब दूसरी मंजिल की छत का निर्माण हो जाएगा, तब बारिश का पानी मंदिर में प्रवेश करना बंद हो जाएगा।”
मंदिर निर्माण में लापरवाही का आरोप लगाते हुए राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने सोमवार को कहा था कि शनिवार आधी रात को हुई बारिश के बाद मंदिर परिसर से बारिश के पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है और उन्होंने मंदिर प्रशासन से आवश्यक सुधारात्मक उपाय करने का आग्रह किया था।
दास ने मंदिर प्राधिकारियों से घटना का संज्ञान लेने तथा रिसाव को रोकने तथा मंदिर से पानी का निकास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने को कहा था।
उन्होंने दावा किया था कि शनिवार आधी रात को हुई पहली भारी बारिश में मंदिर के गर्भगृह की छत से भारी रिसाव हुआ था।
उन्होंने कहा था कि जिस स्थान पर पुजारी रामलला की मूर्ति के सामने बैठते हैं और जहां लोग वीआईपी दर्शन के लिए आते हैं, उसके ठीक ऊपर की छत से बारिश का पानी लीक हो रहा था।
उन्होंने कहा, “यह बहुत आश्चर्य की बात है कि देशभर के इंजीनियर राम मंदिर का निर्माण कर रहे हैं। 22 जनवरी को मंदिर का उद्घाटन हुआ। लेकिन, किसी को नहीं पता था कि अगर बारिश हुई तो छत टपकेगी।”
उन्होंने कहा, “यह आश्चर्य की बात है कि विश्व प्रसिद्ध मंदिर की छत से पानी टपक रहा है। ऐसा क्यों हुआ?”
उन्होंने कहा कि इतने बड़े इंजीनियरों की मौजूदगी में ऐसी घटना हो रही है, जो बहुत गलत है।
मिश्रा ने बताया कि छत पर अस्थायी निर्माण कर श्रद्धालुओं को पानी और धूप से बचाने के उपाय किए गए हैं।
मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में मिश्रा ने कहा कि पहली मंजिल का काम चल रहा है और इस साल जुलाई तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि मंदिर का निर्माण दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)
अयोध्या: राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार को मंदिर के मुख्य पुजारी के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने गर्भगृह से पानी की निकासी के लिए हो रहे वर्षा जल के रिसाव के बारे में कहा था।
मिश्रा ने कहा, “वहां कोई पानी का रिसाव नहीं था, लेकिन बिजली के तार लगाने के लिए लगाए गए पाइपों से बारिश का पानी नीचे आ गया।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने स्वयं मंदिर की इमारत का निरीक्षण किया है। दूसरी मंजिल का निर्माण कार्य चल रहा है।’’
मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, “जब दूसरी मंजिल की छत का निर्माण हो जाएगा, तब बारिश का पानी मंदिर में प्रवेश करना बंद हो जाएगा।”
मंदिर निर्माण में लापरवाही का आरोप लगाते हुए राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने सोमवार को कहा था कि शनिवार आधी रात को हुई बारिश के बाद मंदिर परिसर से बारिश के पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है और उन्होंने मंदिर प्रशासन से आवश्यक सुधारात्मक उपाय करने का आग्रह किया था।
दास ने मंदिर प्राधिकारियों से घटना का संज्ञान लेने तथा रिसाव को रोकने तथा मंदिर से पानी का निकास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने को कहा था।
उन्होंने दावा किया था कि शनिवार आधी रात को हुई पहली भारी बारिश में मंदिर के गर्भगृह की छत से भारी रिसाव हुआ था।
उन्होंने कहा था कि जिस स्थान पर पुजारी रामलला की मूर्ति के सामने बैठते हैं और जहां लोग वीआईपी दर्शन के लिए आते हैं, उसके ठीक ऊपर की छत से बारिश का पानी लीक हो रहा था।
उन्होंने कहा, “यह बहुत आश्चर्य की बात है कि देशभर के इंजीनियर राम मंदिर का निर्माण कर रहे हैं। 22 जनवरी को मंदिर का उद्घाटन हुआ। लेकिन, किसी को नहीं पता था कि अगर बारिश हुई तो छत टपकेगी।”
उन्होंने कहा, “यह आश्चर्य की बात है कि विश्व प्रसिद्ध मंदिर की छत से पानी टपक रहा है। ऐसा क्यों हुआ?”
उन्होंने कहा कि इतने बड़े इंजीनियरों की मौजूदगी में ऐसी घटना हो रही है, जो बहुत गलत है।
मिश्रा ने बताया कि छत पर अस्थायी निर्माण कर श्रद्धालुओं को पानी और धूप से बचाने के उपाय किए गए हैं।
मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में मिश्रा ने कहा कि पहली मंजिल का काम चल रहा है और इस साल जुलाई तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि मंदिर का निर्माण दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)
अयोध्या: राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार को मंदिर के मुख्य पुजारी के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने गर्भगृह से पानी की निकासी के लिए हो रहे वर्षा जल के रिसाव के बारे में कहा था।
मिश्रा ने कहा, “वहां कोई पानी का रिसाव नहीं था, लेकिन बिजली के तार लगाने के लिए लगाए गए पाइपों से बारिश का पानी नीचे आ गया।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने स्वयं मंदिर की इमारत का निरीक्षण किया है। दूसरी मंजिल का निर्माण कार्य चल रहा है।’’
मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, “जब दूसरी मंजिल की छत का निर्माण हो जाएगा, तब बारिश का पानी मंदिर में प्रवेश करना बंद हो जाएगा।”
मंदिर निर्माण में लापरवाही का आरोप लगाते हुए राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने सोमवार को कहा था कि शनिवार आधी रात को हुई बारिश के बाद मंदिर परिसर से बारिश के पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है और उन्होंने मंदिर प्रशासन से आवश्यक सुधारात्मक उपाय करने का आग्रह किया था।
दास ने मंदिर प्राधिकारियों से घटना का संज्ञान लेने तथा रिसाव को रोकने तथा मंदिर से पानी का निकास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने को कहा था।
उन्होंने दावा किया था कि शनिवार आधी रात को हुई पहली भारी बारिश में मंदिर के गर्भगृह की छत से भारी रिसाव हुआ था।
उन्होंने कहा था कि जिस स्थान पर पुजारी रामलला की मूर्ति के सामने बैठते हैं और जहां लोग वीआईपी दर्शन के लिए आते हैं, उसके ठीक ऊपर की छत से बारिश का पानी लीक हो रहा था।
उन्होंने कहा, “यह बहुत आश्चर्य की बात है कि देशभर के इंजीनियर राम मंदिर का निर्माण कर रहे हैं। 22 जनवरी को मंदिर का उद्घाटन हुआ। लेकिन, किसी को नहीं पता था कि अगर बारिश हुई तो छत टपकेगी।”
उन्होंने कहा, “यह आश्चर्य की बात है कि विश्व प्रसिद्ध मंदिर की छत से पानी टपक रहा है। ऐसा क्यों हुआ?”
उन्होंने कहा कि इतने बड़े इंजीनियरों की मौजूदगी में ऐसी घटना हो रही है, जो बहुत गलत है।
मिश्रा ने बताया कि छत पर अस्थायी निर्माण कर श्रद्धालुओं को पानी और धूप से बचाने के उपाय किए गए हैं।
मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में मिश्रा ने कहा कि पहली मंजिल का काम चल रहा है और इस साल जुलाई तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि मंदिर का निर्माण दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)
अयोध्या: राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार को मंदिर के मुख्य पुजारी के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने गर्भगृह से पानी की निकासी के लिए हो रहे वर्षा जल के रिसाव के बारे में कहा था।
मिश्रा ने कहा, “वहां कोई पानी का रिसाव नहीं था, लेकिन बिजली के तार लगाने के लिए लगाए गए पाइपों से बारिश का पानी नीचे आ गया।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने स्वयं मंदिर की इमारत का निरीक्षण किया है। दूसरी मंजिल का निर्माण कार्य चल रहा है।’’
मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, “जब दूसरी मंजिल की छत का निर्माण हो जाएगा, तब बारिश का पानी मंदिर में प्रवेश करना बंद हो जाएगा।”
मंदिर निर्माण में लापरवाही का आरोप लगाते हुए राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने सोमवार को कहा था कि शनिवार आधी रात को हुई बारिश के बाद मंदिर परिसर से बारिश के पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है और उन्होंने मंदिर प्रशासन से आवश्यक सुधारात्मक उपाय करने का आग्रह किया था।
दास ने मंदिर प्राधिकारियों से घटना का संज्ञान लेने तथा रिसाव को रोकने तथा मंदिर से पानी का निकास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने को कहा था।
उन्होंने दावा किया था कि शनिवार आधी रात को हुई पहली भारी बारिश में मंदिर के गर्भगृह की छत से भारी रिसाव हुआ था।
उन्होंने कहा था कि जिस स्थान पर पुजारी रामलला की मूर्ति के सामने बैठते हैं और जहां लोग वीआईपी दर्शन के लिए आते हैं, उसके ठीक ऊपर की छत से बारिश का पानी लीक हो रहा था।
उन्होंने कहा, “यह बहुत आश्चर्य की बात है कि देशभर के इंजीनियर राम मंदिर का निर्माण कर रहे हैं। 22 जनवरी को मंदिर का उद्घाटन हुआ। लेकिन, किसी को नहीं पता था कि अगर बारिश हुई तो छत टपकेगी।”
उन्होंने कहा, “यह आश्चर्य की बात है कि विश्व प्रसिद्ध मंदिर की छत से पानी टपक रहा है। ऐसा क्यों हुआ?”
उन्होंने कहा कि इतने बड़े इंजीनियरों की मौजूदगी में ऐसी घटना हो रही है, जो बहुत गलत है।
मिश्रा ने बताया कि छत पर अस्थायी निर्माण कर श्रद्धालुओं को पानी और धूप से बचाने के उपाय किए गए हैं।
मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में मिश्रा ने कहा कि पहली मंजिल का काम चल रहा है और इस साल जुलाई तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि मंदिर का निर्माण दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)
अयोध्या: राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार को मंदिर के मुख्य पुजारी के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने गर्भगृह से पानी की निकासी के लिए हो रहे वर्षा जल के रिसाव के बारे में कहा था।
मिश्रा ने कहा, “वहां कोई पानी का रिसाव नहीं था, लेकिन बिजली के तार लगाने के लिए लगाए गए पाइपों से बारिश का पानी नीचे आ गया।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने स्वयं मंदिर की इमारत का निरीक्षण किया है। दूसरी मंजिल का निर्माण कार्य चल रहा है।’’
मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, “जब दूसरी मंजिल की छत का निर्माण हो जाएगा, तब बारिश का पानी मंदिर में प्रवेश करना बंद हो जाएगा।”
मंदिर निर्माण में लापरवाही का आरोप लगाते हुए राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने सोमवार को कहा था कि शनिवार आधी रात को हुई बारिश के बाद मंदिर परिसर से बारिश के पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है और उन्होंने मंदिर प्रशासन से आवश्यक सुधारात्मक उपाय करने का आग्रह किया था।
दास ने मंदिर प्राधिकारियों से घटना का संज्ञान लेने तथा रिसाव को रोकने तथा मंदिर से पानी का निकास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने को कहा था।
उन्होंने दावा किया था कि शनिवार आधी रात को हुई पहली भारी बारिश में मंदिर के गर्भगृह की छत से भारी रिसाव हुआ था।
उन्होंने कहा था कि जिस स्थान पर पुजारी रामलला की मूर्ति के सामने बैठते हैं और जहां लोग वीआईपी दर्शन के लिए आते हैं, उसके ठीक ऊपर की छत से बारिश का पानी लीक हो रहा था।
उन्होंने कहा, “यह बहुत आश्चर्य की बात है कि देशभर के इंजीनियर राम मंदिर का निर्माण कर रहे हैं। 22 जनवरी को मंदिर का उद्घाटन हुआ। लेकिन, किसी को नहीं पता था कि अगर बारिश हुई तो छत टपकेगी।”
उन्होंने कहा, “यह आश्चर्य की बात है कि विश्व प्रसिद्ध मंदिर की छत से पानी टपक रहा है। ऐसा क्यों हुआ?”
उन्होंने कहा कि इतने बड़े इंजीनियरों की मौजूदगी में ऐसी घटना हो रही है, जो बहुत गलत है।
मिश्रा ने बताया कि छत पर अस्थायी निर्माण कर श्रद्धालुओं को पानी और धूप से बचाने के उपाय किए गए हैं।
मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में मिश्रा ने कहा कि पहली मंजिल का काम चल रहा है और इस साल जुलाई तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि मंदिर का निर्माण दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)
अयोध्या: राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार को मंदिर के मुख्य पुजारी के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने गर्भगृह से पानी की निकासी के लिए हो रहे वर्षा जल के रिसाव के बारे में कहा था।
मिश्रा ने कहा, “वहां कोई पानी का रिसाव नहीं था, लेकिन बिजली के तार लगाने के लिए लगाए गए पाइपों से बारिश का पानी नीचे आ गया।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने स्वयं मंदिर की इमारत का निरीक्षण किया है। दूसरी मंजिल का निर्माण कार्य चल रहा है।’’
मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, “जब दूसरी मंजिल की छत का निर्माण हो जाएगा, तब बारिश का पानी मंदिर में प्रवेश करना बंद हो जाएगा।”
मंदिर निर्माण में लापरवाही का आरोप लगाते हुए राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने सोमवार को कहा था कि शनिवार आधी रात को हुई बारिश के बाद मंदिर परिसर से बारिश के पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है और उन्होंने मंदिर प्रशासन से आवश्यक सुधारात्मक उपाय करने का आग्रह किया था।
दास ने मंदिर प्राधिकारियों से घटना का संज्ञान लेने तथा रिसाव को रोकने तथा मंदिर से पानी का निकास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने को कहा था।
उन्होंने दावा किया था कि शनिवार आधी रात को हुई पहली भारी बारिश में मंदिर के गर्भगृह की छत से भारी रिसाव हुआ था।
उन्होंने कहा था कि जिस स्थान पर पुजारी रामलला की मूर्ति के सामने बैठते हैं और जहां लोग वीआईपी दर्शन के लिए आते हैं, उसके ठीक ऊपर की छत से बारिश का पानी लीक हो रहा था।
उन्होंने कहा, “यह बहुत आश्चर्य की बात है कि देशभर के इंजीनियर राम मंदिर का निर्माण कर रहे हैं। 22 जनवरी को मंदिर का उद्घाटन हुआ। लेकिन, किसी को नहीं पता था कि अगर बारिश हुई तो छत टपकेगी।”
उन्होंने कहा, “यह आश्चर्य की बात है कि विश्व प्रसिद्ध मंदिर की छत से पानी टपक रहा है। ऐसा क्यों हुआ?”
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मिश्रा ने बताया कि छत पर अस्थायी निर्माण कर श्रद्धालुओं को पानी और धूप से बचाने के उपाय किए गए हैं।
मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में मिश्रा ने कहा कि पहली मंजिल का काम चल रहा है और इस साल जुलाई तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि मंदिर का निर्माण दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)
अयोध्या: राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार को मंदिर के मुख्य पुजारी के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने गर्भगृह से पानी की निकासी के लिए हो रहे वर्षा जल के रिसाव के बारे में कहा था।
मिश्रा ने कहा, “वहां कोई पानी का रिसाव नहीं था, लेकिन बिजली के तार लगाने के लिए लगाए गए पाइपों से बारिश का पानी नीचे आ गया।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने स्वयं मंदिर की इमारत का निरीक्षण किया है। दूसरी मंजिल का निर्माण कार्य चल रहा है।’’
मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, “जब दूसरी मंजिल की छत का निर्माण हो जाएगा, तब बारिश का पानी मंदिर में प्रवेश करना बंद हो जाएगा।”
मंदिर निर्माण में लापरवाही का आरोप लगाते हुए राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने सोमवार को कहा था कि शनिवार आधी रात को हुई बारिश के बाद मंदिर परिसर से बारिश के पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है और उन्होंने मंदिर प्रशासन से आवश्यक सुधारात्मक उपाय करने का आग्रह किया था।
दास ने मंदिर प्राधिकारियों से घटना का संज्ञान लेने तथा रिसाव को रोकने तथा मंदिर से पानी का निकास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने को कहा था।
उन्होंने दावा किया था कि शनिवार आधी रात को हुई पहली भारी बारिश में मंदिर के गर्भगृह की छत से भारी रिसाव हुआ था।
उन्होंने कहा था कि जिस स्थान पर पुजारी रामलला की मूर्ति के सामने बैठते हैं और जहां लोग वीआईपी दर्शन के लिए आते हैं, उसके ठीक ऊपर की छत से बारिश का पानी लीक हो रहा था।
उन्होंने कहा, “यह बहुत आश्चर्य की बात है कि देशभर के इंजीनियर राम मंदिर का निर्माण कर रहे हैं। 22 जनवरी को मंदिर का उद्घाटन हुआ। लेकिन, किसी को नहीं पता था कि अगर बारिश हुई तो छत टपकेगी।”
उन्होंने कहा, “यह आश्चर्य की बात है कि विश्व प्रसिद्ध मंदिर की छत से पानी टपक रहा है। ऐसा क्यों हुआ?”
उन्होंने कहा कि इतने बड़े इंजीनियरों की मौजूदगी में ऐसी घटना हो रही है, जो बहुत गलत है।
मिश्रा ने बताया कि छत पर अस्थायी निर्माण कर श्रद्धालुओं को पानी और धूप से बचाने के उपाय किए गए हैं।
मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में मिश्रा ने कहा कि पहली मंजिल का काम चल रहा है और इस साल जुलाई तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि मंदिर का निर्माण दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)
अयोध्या: राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार को मंदिर के मुख्य पुजारी के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने गर्भगृह से पानी की निकासी के लिए हो रहे वर्षा जल के रिसाव के बारे में कहा था।
मिश्रा ने कहा, “वहां कोई पानी का रिसाव नहीं था, लेकिन बिजली के तार लगाने के लिए लगाए गए पाइपों से बारिश का पानी नीचे आ गया।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने स्वयं मंदिर की इमारत का निरीक्षण किया है। दूसरी मंजिल का निर्माण कार्य चल रहा है।’’
मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, “जब दूसरी मंजिल की छत का निर्माण हो जाएगा, तब बारिश का पानी मंदिर में प्रवेश करना बंद हो जाएगा।”
मंदिर निर्माण में लापरवाही का आरोप लगाते हुए राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने सोमवार को कहा था कि शनिवार आधी रात को हुई बारिश के बाद मंदिर परिसर से बारिश के पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है और उन्होंने मंदिर प्रशासन से आवश्यक सुधारात्मक उपाय करने का आग्रह किया था।
दास ने मंदिर प्राधिकारियों से घटना का संज्ञान लेने तथा रिसाव को रोकने तथा मंदिर से पानी का निकास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने को कहा था।
उन्होंने दावा किया था कि शनिवार आधी रात को हुई पहली भारी बारिश में मंदिर के गर्भगृह की छत से भारी रिसाव हुआ था।
उन्होंने कहा था कि जिस स्थान पर पुजारी रामलला की मूर्ति के सामने बैठते हैं और जहां लोग वीआईपी दर्शन के लिए आते हैं, उसके ठीक ऊपर की छत से बारिश का पानी लीक हो रहा था।
उन्होंने कहा, “यह बहुत आश्चर्य की बात है कि देशभर के इंजीनियर राम मंदिर का निर्माण कर रहे हैं। 22 जनवरी को मंदिर का उद्घाटन हुआ। लेकिन, किसी को नहीं पता था कि अगर बारिश हुई तो छत टपकेगी।”
उन्होंने कहा, “यह आश्चर्य की बात है कि विश्व प्रसिद्ध मंदिर की छत से पानी टपक रहा है। ऐसा क्यों हुआ?”
उन्होंने कहा कि इतने बड़े इंजीनियरों की मौजूदगी में ऐसी घटना हो रही है, जो बहुत गलत है।
मिश्रा ने बताया कि छत पर अस्थायी निर्माण कर श्रद्धालुओं को पानी और धूप से बचाने के उपाय किए गए हैं।
मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में मिश्रा ने कहा कि पहली मंजिल का काम चल रहा है और इस साल जुलाई तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि मंदिर का निर्माण दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)
अयोध्या: राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार को मंदिर के मुख्य पुजारी के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने गर्भगृह से पानी की निकासी के लिए हो रहे वर्षा जल के रिसाव के बारे में कहा था।
मिश्रा ने कहा, “वहां कोई पानी का रिसाव नहीं था, लेकिन बिजली के तार लगाने के लिए लगाए गए पाइपों से बारिश का पानी नीचे आ गया।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने स्वयं मंदिर की इमारत का निरीक्षण किया है। दूसरी मंजिल का निर्माण कार्य चल रहा है।’’
मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, “जब दूसरी मंजिल की छत का निर्माण हो जाएगा, तब बारिश का पानी मंदिर में प्रवेश करना बंद हो जाएगा।”
मंदिर निर्माण में लापरवाही का आरोप लगाते हुए राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने सोमवार को कहा था कि शनिवार आधी रात को हुई बारिश के बाद मंदिर परिसर से बारिश के पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है और उन्होंने मंदिर प्रशासन से आवश्यक सुधारात्मक उपाय करने का आग्रह किया था।
दास ने मंदिर प्राधिकारियों से घटना का संज्ञान लेने तथा रिसाव को रोकने तथा मंदिर से पानी का निकास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने को कहा था।
उन्होंने दावा किया था कि शनिवार आधी रात को हुई पहली भारी बारिश में मंदिर के गर्भगृह की छत से भारी रिसाव हुआ था।
उन्होंने कहा था कि जिस स्थान पर पुजारी रामलला की मूर्ति के सामने बैठते हैं और जहां लोग वीआईपी दर्शन के लिए आते हैं, उसके ठीक ऊपर की छत से बारिश का पानी लीक हो रहा था।
उन्होंने कहा, “यह बहुत आश्चर्य की बात है कि देशभर के इंजीनियर राम मंदिर का निर्माण कर रहे हैं। 22 जनवरी को मंदिर का उद्घाटन हुआ। लेकिन, किसी को नहीं पता था कि अगर बारिश हुई तो छत टपकेगी।”
उन्होंने कहा, “यह आश्चर्य की बात है कि विश्व प्रसिद्ध मंदिर की छत से पानी टपक रहा है। ऐसा क्यों हुआ?”
उन्होंने कहा कि इतने बड़े इंजीनियरों की मौजूदगी में ऐसी घटना हो रही है, जो बहुत गलत है।
मिश्रा ने बताया कि छत पर अस्थायी निर्माण कर श्रद्धालुओं को पानी और धूप से बचाने के उपाय किए गए हैं।
मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में मिश्रा ने कहा कि पहली मंजिल का काम चल रहा है और इस साल जुलाई तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि मंदिर का निर्माण दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)
अयोध्या: राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार को मंदिर के मुख्य पुजारी के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने गर्भगृह से पानी की निकासी के लिए हो रहे वर्षा जल के रिसाव के बारे में कहा था।
मिश्रा ने कहा, “वहां कोई पानी का रिसाव नहीं था, लेकिन बिजली के तार लगाने के लिए लगाए गए पाइपों से बारिश का पानी नीचे आ गया।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने स्वयं मंदिर की इमारत का निरीक्षण किया है। दूसरी मंजिल का निर्माण कार्य चल रहा है।’’
मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, “जब दूसरी मंजिल की छत का निर्माण हो जाएगा, तब बारिश का पानी मंदिर में प्रवेश करना बंद हो जाएगा।”
मंदिर निर्माण में लापरवाही का आरोप लगाते हुए राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने सोमवार को कहा था कि शनिवार आधी रात को हुई बारिश के बाद मंदिर परिसर से बारिश के पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है और उन्होंने मंदिर प्रशासन से आवश्यक सुधारात्मक उपाय करने का आग्रह किया था।
दास ने मंदिर प्राधिकारियों से घटना का संज्ञान लेने तथा रिसाव को रोकने तथा मंदिर से पानी का निकास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने को कहा था।
उन्होंने दावा किया था कि शनिवार आधी रात को हुई पहली भारी बारिश में मंदिर के गर्भगृह की छत से भारी रिसाव हुआ था।
उन्होंने कहा था कि जिस स्थान पर पुजारी रामलला की मूर्ति के सामने बैठते हैं और जहां लोग वीआईपी दर्शन के लिए आते हैं, उसके ठीक ऊपर की छत से बारिश का पानी लीक हो रहा था।
उन्होंने कहा, “यह बहुत आश्चर्य की बात है कि देशभर के इंजीनियर राम मंदिर का निर्माण कर रहे हैं। 22 जनवरी को मंदिर का उद्घाटन हुआ। लेकिन, किसी को नहीं पता था कि अगर बारिश हुई तो छत टपकेगी।”
उन्होंने कहा, “यह आश्चर्य की बात है कि विश्व प्रसिद्ध मंदिर की छत से पानी टपक रहा है। ऐसा क्यों हुआ?”
उन्होंने कहा कि इतने बड़े इंजीनियरों की मौजूदगी में ऐसी घटना हो रही है, जो बहुत गलत है।
मिश्रा ने बताया कि छत पर अस्थायी निर्माण कर श्रद्धालुओं को पानी और धूप से बचाने के उपाय किए गए हैं।
मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में मिश्रा ने कहा कि पहली मंजिल का काम चल रहा है और इस साल जुलाई तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि मंदिर का निर्माण दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)
अयोध्या: राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार को मंदिर के मुख्य पुजारी के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने गर्भगृह से पानी की निकासी के लिए हो रहे वर्षा जल के रिसाव के बारे में कहा था।
मिश्रा ने कहा, “वहां कोई पानी का रिसाव नहीं था, लेकिन बिजली के तार लगाने के लिए लगाए गए पाइपों से बारिश का पानी नीचे आ गया।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने स्वयं मंदिर की इमारत का निरीक्षण किया है। दूसरी मंजिल का निर्माण कार्य चल रहा है।’’
मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, “जब दूसरी मंजिल की छत का निर्माण हो जाएगा, तब बारिश का पानी मंदिर में प्रवेश करना बंद हो जाएगा।”
मंदिर निर्माण में लापरवाही का आरोप लगाते हुए राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने सोमवार को कहा था कि शनिवार आधी रात को हुई बारिश के बाद मंदिर परिसर से बारिश के पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है और उन्होंने मंदिर प्रशासन से आवश्यक सुधारात्मक उपाय करने का आग्रह किया था।
दास ने मंदिर प्राधिकारियों से घटना का संज्ञान लेने तथा रिसाव को रोकने तथा मंदिर से पानी का निकास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने को कहा था।
उन्होंने दावा किया था कि शनिवार आधी रात को हुई पहली भारी बारिश में मंदिर के गर्भगृह की छत से भारी रिसाव हुआ था।
उन्होंने कहा था कि जिस स्थान पर पुजारी रामलला की मूर्ति के सामने बैठते हैं और जहां लोग वीआईपी दर्शन के लिए आते हैं, उसके ठीक ऊपर की छत से बारिश का पानी लीक हो रहा था।
उन्होंने कहा, “यह बहुत आश्चर्य की बात है कि देशभर के इंजीनियर राम मंदिर का निर्माण कर रहे हैं। 22 जनवरी को मंदिर का उद्घाटन हुआ। लेकिन, किसी को नहीं पता था कि अगर बारिश हुई तो छत टपकेगी।”
उन्होंने कहा, “यह आश्चर्य की बात है कि विश्व प्रसिद्ध मंदिर की छत से पानी टपक रहा है। ऐसा क्यों हुआ?”
उन्होंने कहा कि इतने बड़े इंजीनियरों की मौजूदगी में ऐसी घटना हो रही है, जो बहुत गलत है।
मिश्रा ने बताया कि छत पर अस्थायी निर्माण कर श्रद्धालुओं को पानी और धूप से बचाने के उपाय किए गए हैं।
मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में मिश्रा ने कहा कि पहली मंजिल का काम चल रहा है और इस साल जुलाई तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि मंदिर का निर्माण दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)
अयोध्या: राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार को मंदिर के मुख्य पुजारी के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने गर्भगृह से पानी की निकासी के लिए हो रहे वर्षा जल के रिसाव के बारे में कहा था।
मिश्रा ने कहा, “वहां कोई पानी का रिसाव नहीं था, लेकिन बिजली के तार लगाने के लिए लगाए गए पाइपों से बारिश का पानी नीचे आ गया।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने स्वयं मंदिर की इमारत का निरीक्षण किया है। दूसरी मंजिल का निर्माण कार्य चल रहा है।’’
मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, “जब दूसरी मंजिल की छत का निर्माण हो जाएगा, तब बारिश का पानी मंदिर में प्रवेश करना बंद हो जाएगा।”
मंदिर निर्माण में लापरवाही का आरोप लगाते हुए राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने सोमवार को कहा था कि शनिवार आधी रात को हुई बारिश के बाद मंदिर परिसर से बारिश के पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है और उन्होंने मंदिर प्रशासन से आवश्यक सुधारात्मक उपाय करने का आग्रह किया था।
दास ने मंदिर प्राधिकारियों से घटना का संज्ञान लेने तथा रिसाव को रोकने तथा मंदिर से पानी का निकास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने को कहा था।
उन्होंने दावा किया था कि शनिवार आधी रात को हुई पहली भारी बारिश में मंदिर के गर्भगृह की छत से भारी रिसाव हुआ था।
उन्होंने कहा था कि जिस स्थान पर पुजारी रामलला की मूर्ति के सामने बैठते हैं और जहां लोग वीआईपी दर्शन के लिए आते हैं, उसके ठीक ऊपर की छत से बारिश का पानी लीक हो रहा था।
उन्होंने कहा, “यह बहुत आश्चर्य की बात है कि देशभर के इंजीनियर राम मंदिर का निर्माण कर रहे हैं। 22 जनवरी को मंदिर का उद्घाटन हुआ। लेकिन, किसी को नहीं पता था कि अगर बारिश हुई तो छत टपकेगी।”
उन्होंने कहा, “यह आश्चर्य की बात है कि विश्व प्रसिद्ध मंदिर की छत से पानी टपक रहा है। ऐसा क्यों हुआ?”
उन्होंने कहा कि इतने बड़े इंजीनियरों की मौजूदगी में ऐसी घटना हो रही है, जो बहुत गलत है।
मिश्रा ने बताया कि छत पर अस्थायी निर्माण कर श्रद्धालुओं को पानी और धूप से बचाने के उपाय किए गए हैं।
मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में मिश्रा ने कहा कि पहली मंजिल का काम चल रहा है और इस साल जुलाई तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि मंदिर का निर्माण दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)
अयोध्या: राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार को मंदिर के मुख्य पुजारी के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने गर्भगृह से पानी की निकासी के लिए हो रहे वर्षा जल के रिसाव के बारे में कहा था।
मिश्रा ने कहा, “वहां कोई पानी का रिसाव नहीं था, लेकिन बिजली के तार लगाने के लिए लगाए गए पाइपों से बारिश का पानी नीचे आ गया।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने स्वयं मंदिर की इमारत का निरीक्षण किया है। दूसरी मंजिल का निर्माण कार्य चल रहा है।’’
मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, “जब दूसरी मंजिल की छत का निर्माण हो जाएगा, तब बारिश का पानी मंदिर में प्रवेश करना बंद हो जाएगा।”
मंदिर निर्माण में लापरवाही का आरोप लगाते हुए राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने सोमवार को कहा था कि शनिवार आधी रात को हुई बारिश के बाद मंदिर परिसर से बारिश के पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है और उन्होंने मंदिर प्रशासन से आवश्यक सुधारात्मक उपाय करने का आग्रह किया था।
दास ने मंदिर प्राधिकारियों से घटना का संज्ञान लेने तथा रिसाव को रोकने तथा मंदिर से पानी का निकास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने को कहा था।
उन्होंने दावा किया था कि शनिवार आधी रात को हुई पहली भारी बारिश में मंदिर के गर्भगृह की छत से भारी रिसाव हुआ था।
उन्होंने कहा था कि जिस स्थान पर पुजारी रामलला की मूर्ति के सामने बैठते हैं और जहां लोग वीआईपी दर्शन के लिए आते हैं, उसके ठीक ऊपर की छत से बारिश का पानी लीक हो रहा था।
उन्होंने कहा, “यह बहुत आश्चर्य की बात है कि देशभर के इंजीनियर राम मंदिर का निर्माण कर रहे हैं। 22 जनवरी को मंदिर का उद्घाटन हुआ। लेकिन, किसी को नहीं पता था कि अगर बारिश हुई तो छत टपकेगी।”
उन्होंने कहा, “यह आश्चर्य की बात है कि विश्व प्रसिद्ध मंदिर की छत से पानी टपक रहा है। ऐसा क्यों हुआ?”
उन्होंने कहा कि इतने बड़े इंजीनियरों की मौजूदगी में ऐसी घटना हो रही है, जो बहुत गलत है।
मिश्रा ने बताया कि छत पर अस्थायी निर्माण कर श्रद्धालुओं को पानी और धूप से बचाने के उपाय किए गए हैं।
मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में मिश्रा ने कहा कि पहली मंजिल का काम चल रहा है और इस साल जुलाई तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि मंदिर का निर्माण दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)
अयोध्या: राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार को मंदिर के मुख्य पुजारी के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने गर्भगृह से पानी की निकासी के लिए हो रहे वर्षा जल के रिसाव के बारे में कहा था।
मिश्रा ने कहा, “वहां कोई पानी का रिसाव नहीं था, लेकिन बिजली के तार लगाने के लिए लगाए गए पाइपों से बारिश का पानी नीचे आ गया।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने स्वयं मंदिर की इमारत का निरीक्षण किया है। दूसरी मंजिल का निर्माण कार्य चल रहा है।’’
मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, “जब दूसरी मंजिल की छत का निर्माण हो जाएगा, तब बारिश का पानी मंदिर में प्रवेश करना बंद हो जाएगा।”
मंदिर निर्माण में लापरवाही का आरोप लगाते हुए राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने सोमवार को कहा था कि शनिवार आधी रात को हुई बारिश के बाद मंदिर परिसर से बारिश के पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है और उन्होंने मंदिर प्रशासन से आवश्यक सुधारात्मक उपाय करने का आग्रह किया था।
दास ने मंदिर प्राधिकारियों से घटना का संज्ञान लेने तथा रिसाव को रोकने तथा मंदिर से पानी का निकास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने को कहा था।
उन्होंने दावा किया था कि शनिवार आधी रात को हुई पहली भारी बारिश में मंदिर के गर्भगृह की छत से भारी रिसाव हुआ था।
उन्होंने कहा था कि जिस स्थान पर पुजारी रामलला की मूर्ति के सामने बैठते हैं और जहां लोग वीआईपी दर्शन के लिए आते हैं, उसके ठीक ऊपर की छत से बारिश का पानी लीक हो रहा था।
उन्होंने कहा, “यह बहुत आश्चर्य की बात है कि देशभर के इंजीनियर राम मंदिर का निर्माण कर रहे हैं। 22 जनवरी को मंदिर का उद्घाटन हुआ। लेकिन, किसी को नहीं पता था कि अगर बारिश हुई तो छत टपकेगी।”
उन्होंने कहा, “यह आश्चर्य की बात है कि विश्व प्रसिद्ध मंदिर की छत से पानी टपक रहा है। ऐसा क्यों हुआ?”
उन्होंने कहा कि इतने बड़े इंजीनियरों की मौजूदगी में ऐसी घटना हो रही है, जो बहुत गलत है।
मिश्रा ने बताया कि छत पर अस्थायी निर्माण कर श्रद्धालुओं को पानी और धूप से बचाने के उपाय किए गए हैं।
मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में मिश्रा ने कहा कि पहली मंजिल का काम चल रहा है और इस साल जुलाई तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि मंदिर का निर्माण दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)