केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा कथित आबकारी नीति घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किए जाने के एक दिन बाद, अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने सरकार की कड़ी आलोचना की।
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर हिंदी में लिखी गई एक पोस्ट में सुनीता केजरीवाल ने भाजपा नीत सरकार पर परोक्ष हमला किया, जिसे उन्होंने पहले तानाशाही बताया था। उन्होंने कहा, “अब तक यही प्रार्थना होती रही है कि भगवान सबको सद्बुद्धि दे। लेकिन अब प्रार्थना होगी कि तानाशाह का नाश हो।”
गौरतलब है कि इससे पहले बुधवार को भी दिल्ली के सीएम की पत्नी ने अरविंद केजरीवाल की सीबीआई अधिकारियों द्वारा गिरफ्तारी के बाद इसी तरह की टिप्पणी की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पूरा सिस्टम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि उनके पति जेल से बाहर न आएं, उन्होंने स्थिति को ‘तानाशाही’ और ‘आपातकाल’ जैसा बताया।
एक्स इन हिंदी पर एक अन्य पोस्ट में सुनीता केजरीवाल ने कहा कि उनके पति को 20 जून को आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मिल गई थी, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तुरंत ही उस पर रोक लगा दी। उन्होंने लिखा, “अगले ही दिन सीबीआई ने उन्हें आरोपी बना दिया। और आज उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पूरा सिस्टम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि वह व्यक्ति जेल से बाहर न आए। यह कानून नहीं है। यह तानाशाही है, यह आपातकाल है।”
गौरतलब है कि दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को आबकारी नीति मामले में केजरीवाल को तीन दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया था। अवकाशकालीन न्यायाधीश अमिताभ रावत ने दोनों पक्षों की सभी दलीलों पर गौर करने के बाद अरविंद केजरीवाल को 29 जून 2024 तक सीबीआई रिमांड पर रहने की अनुमति दे दी।
आप ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया
इस बीच, गिरफ्तारी के विरोध में आम आदमी पार्टी (आप) ने आज संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया।
पत्रकारों से बात करते हुए आप के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने कहा, “जिस तरह से उन्होंने कल केजरीवाल जी को गिरफ्तार किया… हम न केवल (राष्ट्रपति के) अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे, बल्कि विरोध भी करेंगे… राष्ट्रपति और संविधान सर्वव्यापी हैं, लेकिन जब संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हों और न्याय के नाम पर तानाशाही हो रही हो, तो आवाज उठाना जिम्मेदारी बन जाती है।”
इसके अलावा आप सांसद संजय सिंह ने भी केजरीवाल की गिरफ़्तारी की निंदा की। उन्होंने कहा, “जब सुप्रीम कोर्ट से उनकी ज़मानत मंजूर होनी थी, जब सुप्रीम कोर्ट से उनकी रिहाई की पूरी संभावना थी, उस समय केजरीवाल जी को सीबीआई ने गिरफ़्तार कर लिया…तो मुझे लगता है कि यह तानाशाही का बहुत बड़ा उदाहरण है और प्रधानमंत्री को जांच एजेंसियों के दुरुपयोग पर बोलना चाहिए, इस पर रोक लगनी चाहिए और अरविंद केजरीवाल को रिहा किया जाना चाहिए। आज हम इसी मांग को लेकर यहाँ इकट्ठे हुए हैं, हम अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं और हम राष्ट्रपति जी का पूरा सम्मान करते हैं। लेकिन राष्ट्रपति जी का भाषण सरकार द्वारा लिखा गया भाषण होता है, उस सरकारी भाषण में वह लोकतंत्र की बड़ी-बड़ी बातें कहेंगी, सरकारी भाषण में वह संविधान की बड़ी-बड़ी बातें कहेंगी, लेकिन ज़मीनी हक़ीकत यह है कि पूरे देश में भारत के संविधान और लोकतंत्र को कुचला जा रहा है…”
और पढ़ें | आबकारी नीति मामले में सीबीआई द्वारा दिल्ली के सीएम की गिरफ्तारी पर सुनीता केजरीवाल ने कहा, ‘यह तानाशाही है’
और पढ़ें | अरविंद केजरीवाल को सीबीआई ने किया गिरफ्तार: इन 5 आरोपों के आधार पर दिल्ली के सीएम से पूछताछ करना चाहती है केंद्रीय एजेंसी