गुरुवार (27 जून) को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में हुई पेपर लीक की घटनाओं पर सरकार का रुख दोहराया। उन्होंने आश्वासन दिया कि घटनाओं में शामिल किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अपने संबोधन में अध्यक्ष मुर्मू ने कहा, “पेपर लीक मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।”
राष्ट्रपति मुर्मू ने यह भी कहा कि पिछली सरकारों के कार्यकाल में भी पेपर लीक की घटनाएं हुई हैं तथा उन्होंने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नीति की आवश्यकता पर बल दिया।
परीक्षा पेपर लीक मामला
गौरतलब है कि राष्ट्रपति मुर्मू का यह बयान NEET-UG 2024 और UGC NET परीक्षाओं में उजागर हुई अनियमितताओं के बीच आया है। यूजीसी-नेट को परीक्षा की शुचिता पर चिंताओं के कारण अधिकारियों द्वारा एक दिन बाद ही रद्द कर दिया गया था, जबकि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने 23 जून को 1,563 से अधिक उम्मीदवारों के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा, स्नातक (NEET UG) 2024 परीक्षा फिर से आयोजित की, जिन्हें 5 मई, 2024 को मूल रूप से निर्धारित परीक्षा के दौरान समय की हानि के लिए ग्रेस अंक भी आवंटित किए गए थे।
आपातकाल सबसे बड़ा और काला अध्याय
इसके अलावा, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए 1975 में आपातकाल लगाए जाने को “सबसे बड़ा और काला अध्याय” बताया। आपातकाल के दौर को संविधान पर सीधा हमला बताते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि देश ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर विजयी हुआ है।
राष्ट्रपति ने कहा, “आज 27 जून है। 25 जून 1975 को आपातकाल लागू करना संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था। पूरा देश आक्रोशित था। लेकिन देश ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर विजयी हुआ, क्योंकि गणतंत्र की परंपराएं भारत के मूल में हैं।”