आज हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 76वीं पुण्य तिथि है। उनकी शिक्षाएँ, सिद्धांत और कार्य पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे और उनकी विरासत इतने वर्षों के बाद भी जीवित है। गांधी, जिन्हें ‘राष्ट्रपिता’ के नाम से भी जाना जाता है, एक नेता, दार्शनिक और दूरदर्शी थे जिन्होंने अहिंसक तरीकों का उपयोग करके भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी। उनका जीवन सभी के लिए शांति, समानता और न्याय को बढ़ावा देने के लिए समर्पित था।
इस दिन, आइए हम महात्मा गांधी के कुछ सबसे शक्तिशाली उद्धरणों पर विचार करके उन्हें याद करें और उनका सम्मान करें जो अभी भी हमें बेहतर इंसान बनने और दुनिया में सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
- “खुद वो बदलाव बनें जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।”
- “कमज़ोर कभी माफ नहीं कर सकते। क्षमा ताकतवर की विशेषता है।”
- “आंख के बदले आंख का मतलब पूरी दुनिया को अंधा बनाना है।”
- “खुशी तब होती है जब आप जो सोचते हैं, जो कहते हैं और जो करते हैं उनमें सामंजस्य हो।”
- “खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका खुद को दूसरों की सेवा में खो देना है।”
- “मानवता की महानता मानव होने में नहीं, बल्कि मानवीय होने में है।”
- “आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए। मानवता एक महासागर की तरह है; यदि समुद्र की कुछ बूँदें गंदी हैं, तो समुद्र गंदा नहीं हो जाता।”
- “एक विनम्र तरीके से, आप दुनिया को हिला सकते हैं।”
- “जी भर के जीयें। इस तरह से सीखिए जैसे कि आपको यहां हमेशा रहना है।”
- “भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम वर्तमान में क्या करते हैं।”
महात्मा गांधी की शिक्षाएं और सिद्धांत इतने वर्षों के बाद भी हमारा मार्गदर्शन करते हैं। उनका ज्ञान और प्रेरणा के शब्द कालातीत हैं और आज भी हमें बेहतर इंसान बनने और दुनिया में सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।