राजकोट के एक गेमिंग आर्केड में शनिवार को आग लगने की घटना ने सुरक्षा प्रोटोकॉल पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना में 9 बच्चों समेत 28 लोगों की मौत हो गई। आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, जांच में पता चला है कि यह घटना इसके प्रबंधन की लापरवाही के कारण हुई। कथित तौर पर यह गेम जोन चार साल से अवैध रूप से आवासीय क्षेत्र में बिना किसी अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के चल रहा था।
जांच में पता चला कि दो मंजिला गेमिंग जोन बिना किसी आवश्यक लाइसेंस के संचालित हो रहा था, जिससे सुरक्षा नियमों को लेकर चिंताएँ पैदा हो गई थीं। इस सुविधा में प्रवेश और निकास के लिए एक ही गेट था, और इसमें बड़ी मात्रा में डीजल और पेट्रोल संग्रहीत था, जिससे यह आग के खतरे के प्रति अत्यधिक संवेदनशील था। अधिकारियों के अनुसार, इस सुविधा में जनरेटर के लिए 1500-2000 लीटर डीजल और गो-कार्टिंग के लिए 1000-1500 लीटर पेट्रोल था।
आईएएनएस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि विनियामक मंजूरी को दरकिनार करने के लिए आर्केड को एक कमजोर शेड जैसी संरचना में स्थापित किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि यह सुविधा आगंतुकों को आकर्षित करती रही, जो खतरों से बेखबर थे।