पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू प्रवासियों द्वारा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 की आलोचना के लिए उनके आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को केंद्र पर निशाना साधा। केजरीवाल लगातार इस कानून के कार्यान्वयन का विरोध कर रहे हैं। गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वालों को भारतीय नागरिकता प्रदान करें – अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई।
अपने आवास के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन पर एबीपी न्यूज की एक रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केजरीवाल ने कहा कि पाकिस्तानियों को पुलिस सुरक्षा के साथ उनके आवास के बाहर विरोध करने की अनुमति दी जा रही है, लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ”पाकिस्तानियों को पूरी पुलिस सुरक्षा और सम्मान के साथ मेरे घर के बाहर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति है, लेकिन इस देश के किसानों को दिल्ली आने की भी अनुमति नहीं है।” पाकिस्तानियों के लिए बहुत सम्मान।”
पाकिस्तानियों को पूरी पुलिस सुरक्षा और सम्मान के साथ मेरे घर के बाहर प्रदर्शन करने की इजाज़त और इस देश के किसानों को दिल्ली में आने की भी इजाज़त नहीं? भारत के किसान अश्रु गैस के गोले, लाठियाँ, मिठाई और गोलियाँ? और पाकिस्तानियों को इतना सम्मान? https://t.co/VYbfuNOPAH
– अरविंद केजरीवाल (@ArvindKejriwal) 14 मार्च 2024
इससे पहले दिन में केजरीवाल ने सीएए के खिलाफ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यह कानून विभाजन के समय हुए बड़े पैमाने पर पलायन को बढ़ावा देगा।
उन्होंने यह भी कहा कि सीएए के कार्यान्वयन से देश असुरक्षित हो जाएगा और कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो जाएगी। उन्होंने कहा, ”अन्य देशों के अल्पसंख्यकों पर करदाताओं का पैसा खर्च करना स्वीकार्य नहीं है।”
इस हफ्ते की शुरुआत में भी केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जहां उन्होंने कहा था कि सरकार ‘पाकिस्तानियों को हमारे असली घरों में बसाना चाहती है।’ उन्होंने कहा, “भारत सरकार का जो पैसा हमारे परिवारों और देश के विकास के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए, वह पाकिस्तानियों को बसाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।”